रात के समय में ही क्यो रोते है कुत्ते? जानिए इसकी वजह...





हजारो वर्षो से जानवरो मे कुत्ता ही एक ऐसा जानवर है जो मनुष्य का सबसे पुराना साथी रहा है। इसलिए मनुष्य ने भी कुत्ते के व्यवहार प्रति सबसे अधिक अध्ययन किया है। इन अध्ययनो से मनुष्य ने भविष्य मे घटित होने वाली घटनाओ से सजग हुआ है। प्राचीन काल मे ऋषि-मुनियो ने कई संकेत बनाए थे जिन पर काफी लोग आज भी विश्वास करते है।

भारतीय संस्कृति मे बड़े बुजुर्ग रात मे कुत्ते के रोने पर उसे घर के आसपास नही भटकने देते है। इन सबके पीछे कुछ अंधविश्वास भी होते है और कुछ सत्य बाते भी होती है।

रात को क्यो रोते है कुत्ते -



हिन्दू धर्म शास्त्रो मे ऐसे माना गया है की कुत्ते के अंदर पाँच इंद्रियो के अलावा एक छटी इंद्री भी होती है। कुत्ता उसी छटी इंद्री के माध्यम से रोता है, और वह मनुष्य पर आने वाली विकत विपदा हेतु संकेत देता है। इसी बात से समाज मे लोग ये समझने लगते है की कुछ न कुछ जरूर बुरा होगा।

कुत्ते का रोना देता है कई संकट के संकेत :

जब आसमान की तरफ देखकर भोंके -



कुत्ता भले ही एक जानवर हो लेकिन जानवर भी कुछ क्रियाए मनुष्य के समान ही करते है, रोना भी उसी प्रकार की एक समान्य क्रिया है। लेकिन जब कुत्ता आसमान की ओर देखकर भोंके तो ये इसका संकेत है की लोगो को सूखे की मार से लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए।

ज़मीन पर कुत्ते का लोटना -



अक्सर हमने देखा है की कुत्ता जमीन पर लोटता (पूरे शरीर को जमीन से रगड़ना) रहता है। लेकिन जब आप किसी काम से कही बाहर जा रहे हो तब, कुत्ता फड़फड़ाकर आपको ये संकेत देना चाहता है की आप जिस काम के लिए जा रहे है वह काम नही होगा।

जब कुत्ता जूता-चम्पल लेकर भागे –



जानवरो को हमने इन्सानो की चीज़ों से खेलते है अक्सर देखा है लेकिन जब कुत्ता ये करे तो वह ये संकेत देना चाहता है की आप पर आर्थिक नुकसान होने वाला है, आप जो भी निर्णय ले या काम करे वो सोच समझ कर करे। और ऐसे मे अगर यात्रा के बारे मे सोच रहे तब, आपका यात्रा को टालना ही बेहतर रहेगा।

इन सबके अतिरिक्त ये केवल एक धर्म से प्रेरित हो ऐसा नही है। जब आप गूगल से ये प्रश्न करेंगे तो वह भी आपको सच्चाई बता देगा की, विकसित राष्ट्रो मे भी कुत्ते के रोने पर प्रश्न है और वो भी इन चीज़ों से अवगत है की कुत्ते का रोना बिलकुल भी शुभ नहीं है।



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