दुनिया का सबसे बड़ा सत्य है, “मौत”। जो भी इस दुनिया मे आया है किसी भी रूप में, उसे एक-न-एक दिन ये जहां छोड़कर जाना ही पड़ेगा। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो अपनों के दिलो मे प्यार और स्नेह के कारण उनके साथ बने रहते है और कभी नही जाते है। मानव हमेशा से ही अपने पूर्वजों के प्रति अपना प्रेम दिखाने के लिए अनेक रीति-रिवाज, कर्म-कांड करता आया है।
आगे हम एक ऐसे देश के बारे मे पढ़ने जा रहे है जहां पूर्वजो को याद करने की प्रथा काफी अनूठी है। इंडोनेशिया, जहां के ग्रामीण क्षेत्रों में अपने पूर्वजों के प्रति स्नेह जताने के लिए एक रिवाज़ निभाया जाता है। लेकिन यह रिवाज इतना अजीब है कि इन गांवों में अपने मरे हुए परिजनों की लाश को हर 3 साल के बाद कब्र से निकाला जाता है फिर उन लाशों की सफाई की जाती है और उन्हें नए-नए कपड़े पहनाये जाते हैं।
इस फोटो में आप देख सकते हैं कि किस प्रकार एक आदमी 2 लाशों के साथ खड़ा है। इस शख्स का नाम 'हरमन टैंडी' है। ये इस तस्वीर मे जिनके साथ खड़ा है वह इसके दादा और दादी हैं। दोनों की 10 साल पहले मौत हो गई थी। हरमा अपने दादा-दादी के आपसी प्रेम की वजह से उन्हें शादी के जोड़े वाले कपड़े पहना रहा है।
इस रिवाज़ की एक और अनूठी बात ये है की, परिवार के सभी लोग अपने मृत रिश्तेदारों के साथ मिल कर फोटो भी खिंचवाते हैं।
हर 3 सालों में यहां के कब्रिस्तानों में किसी उत्सव के जैसा माहौल हो जाता है|
यह तस्वीर एक भूतपूर्व आर्मी ऑफिसर के लाश की है। उसके रिश्तेदारों को इनके आर्मी में होने पर इतना गर्व था कि वो उनके मरने के बाद भी उन्हें आर्मी की पोशाक ही पहनाते हैं।
इनका एक और रिवाज है की लाशों को नये कपड़े पहनाने से पहले उन्हें अच्छी तरह से साफ़ करना।
यह लाश ‘पॉल सेमपे लूमबा’ नाम के एक व्यक्ति की है। यह सात साल पहले मरे. इनके परिवार वालों ने इन्हें नए सूट के साथ नए चश्मे भी पहनाएं हैं।
इस तस्वीर में साफ नज़र आ रहा है की यह इंसान 30 साल पहले ही दुनिया को अलविदा कह चुका है, लेकिन परिवार वालों के लिए वो आज भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना की वो ज़िन्दा रहने पर था।
इन्डोनेशिया के ग्रामीण लोगो के अनुसार, आत्मा शरीर के खत्म हो जाने के बाद वापिस लौट कर उस इंसान की जन्म वाली जगह पर आती है। यह रिवाज़ उनके परिजनों को हमेशा उनके बीच बनाये रखता है।
हमारे देश में भी अपने परिजनों को याद करने के लिए उनका श्राद्ध करने की परम्परा रही है। दुनिया अन्य संस्कृतियों में अपने मृत परिजनों को याद करने के लिए अलग-अलग रीति-रिवाज़ बनाये गये हैं। स्थानीय माहौल और परम्पराएं उन रिवाजों को कभी-कभी इसी तरह का अनोखापन दे देते हैं।
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