देर रात 10 बजे पीएम मोदी ने मांगी आईएएस अधिकारी से माफी, जानिए क्यो...

देर रात 10 बजे पीएम मोदी ने मांगी आईएएस अधिकारी से माफी, जानिए क्यो...






चुनावो मे वोट करने के बाद ये हमारी आदत मे है की जो कोई भी पार्टी चुनाव से जीतकर आती है, उसे हम ये कहकर कोसते रहते है की, कोई भी आ जाए लेकिन ये देश कभी नहीं बदलेगा। हमने ये स्वीकार कर लिया है की हमारे राजनेता और पार्टियां जब भी सरकार मे आती है केवल और केवल कालाबाजारी से अपना पॉकेट भरने ही आती है।





हम कह सकते है की हमारी ये मानसिकता कई वर्षो से चली आ रही राजनीतिक पार्टियो की बर्ताव से प्रेरित है। लेकिन जब से प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार बनाई है तब से कुछ न कुछ बदलाव दिख रहा है, चाहे उसकी गति धीमी क्यो न हो।




ये तथ्य कोई नही नकार सकता की नरेंद्र मोदी देश को विकास की राह पर लाने के लिए निरंतर एक भी छुट्टी लिए बिना रात-दिन प्रधानसेवक के रूप मे काम कर रहे है।

वैसे हम ये तो नही कह रहे की “अच्छे दिन” आ चुके है, लेकिन हम जो कहानी आपको बताने जा रहे है, वह अच्छे दिनो की ओर एक कदम जरूर है।

यह आर्टिक्ल Quara नाम की वैबसाइट पर पुष्पक चक्रबर्ती के द्वारा पोस्ट किया गया है।
यह सच्ची कहानी इस प्रकार शुरू होती है :

“एक आईएएस अधिकारी जिसे मेरे पिताजी बहुत अच्छी तरह जानते है, वो नॉर्थ त्रिपुरा मे पोस्टेड है। उनको 21 जुलाई को रात 10 बजे एक फोन कॉल आया। वह अचंभित थे की रात को 10 बजे किसका फोन होगा। 

एक युवा आवाज़ दूसरी तरफ से रात को इतना देर से फोन करने के लिए माफी मांगती है। और उनसे पूछा जाता है की अगर वो कुछ मिनट्स के लिए फ्री हो तो प्रधानमंत्री मोदी जी उनसे बात करना चाहते है।

आईएएस अधिकारी के दिल की धड़कन तेज़ हो गयी, पैर कांपने लगे, दिमाग बिलकुल जम सा गया था ऐसी स्थति मे वो बोले हा मे बात करना चाहता हू। कुछ सेकण्ड्स के लिए फोन बीप..बीप हुआ और फोन ट्रान्सफर किया गया  और दूसरी और, और कोई नहीं, माननीय प्रधानमंत्री थे। मोदी ने आईएएस अधिकारी से लेट फोन करने लिए माफी मांगी और उनको बताया की, उनकी मीटिंग नितिन गडकरी जी के साथ नेशनल हाइवे 208-A त्रिपुरा को देश के दुसरे हिस्से से जोड़ने के बारे मे थी और मोदी जी ने इसी संदर्भ मे आईएएस अधिकारी से उनकी मदद मांगी। आईएएस अधिकारी ने कहा की वह नही जानते थे, की मोदी जी को अब वह किस प्रकार जवाब दे। उनको वही याद रहा की किस प्रकार मोदी जी आगे बता रहे है की हमने असम और त्रिपुरा सरकार से बात कर ली है और आपको किसी भी प्रकार की सहायता की आवश्यकता हो तो दोनों सरकार तैयार है, आपको बस इस प्रोजेक्ट को पूरा करना है। 

आईएएस अधिकारी उस फोन कॉल के बाद पूरी रात नही सो पाये और सोचते रहे ऐसा क्या हो गया अचानक, की मोदी जी ने उन्हे फोन भी किया और माफी भी मांगी। वो पूरी रात उन्हे जो भी याद रहा उससे, पूरे वाकिए को जोड़ते रहे, लेकिन कोई भी सही तर्क न लगा पाए। 



अगले दिन जब वो ऑफिस पहुचे तो, त्रिपुरा, असम और भारत सरकार की ओर से उन्हे इस बारे मे अवगत कराया गया। उन्हे तुरंत प्रभाव से 15 kms हाइवे रोड को ठीक करने के लिए पैसा सेंक्शन किया गया। वह अपने स्टाफ के साथ तुरंत उस जगह पहुचे। उन्होने वहा देखा की असम सरकार की ओर से 6 JCBs वहा खड़ी है।

 




चार दिनो के भीतर ही, 300 ट्रक्स मटेरियल, लोकल मजदूर और PWD के सारे अधिकारी असम और त्रिपुरा सरकार की ओर से वहा पर मौजूद थे। आईएएस अधिकारी ने त्रिपुरा के जरूरमंदों के लिए हाइवे को एक ओर से खोल दिया था।
 






आगे बताया गया की, कल नितिन गडकरी ने आईएएस अधिकारी को फोन कर उनके अतुलनीय योगदान के लिए बधाई और धन्यवाद किया और उनसे कहा की जल्द ही इसी प्रकार नेशनल हाइवे – 44 को ठीक किया जाएगा और आप जब भी दिल्ली आए तो PMO जरूर मिलकर जाए। "




दोस्तो ऐसा है मेरा भारत अनोखी कहानियो से भरा जिसमे कभी-कभी हमे विश्वास भी नही हो पाता है, और मुझे इसके लिए गर्व है। इस कहानी से पता चलता है की केंद्र सरकार भारत के लोगो के लिए कितने सचेत है और ऐसी कई कहानियाँ है जो हमे गर्व महसूस करवाती है।“



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