हमारे बचपन मे बालचित्र से कार्टून तक रावण को हमने रामायण महाकाव्य मे खलनायक की भूमिका मे देखा है। चलिये जरा उन तथ्यो को पढे जो साबित करते है की हमे रावण को नही हमारे अंदर बसे गलत विचारो, गलत नियत, को दूर करना चाहिए...
1. जैन धर्म के रामायण के अनुसार सीता के पिता, रावण थे।
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2. दशग्रीवा के दश सिर उसकी बुद्धिमानी का प्रतीक माने जाते है। वह एक अच्छा ज्ञानी था।
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3. उसका ‘पुष्पक विमान’ इस बात का मजबूत सबूत है की उसने विज्ञान के क्षेत्र मे काफी उपलब्धि हासिल की थी। वह विज्ञान और मेडिसिन का ज्ञाता था।
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6. रावण जाती प्रथा और व्यवस्था के सख्त खिलाफ था।
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7. वह ज्योतिषकला मे एक्सपेर्ट था।
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8. दशानन रावण के परिवार का सदस्य था। वह अपने सारे किरदारो, भाई से पति तक के मे माहिर था।
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9. वह भगवान शिव का आज्ञाकारी भक्त और अनुयायी था।
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10. रामायण के पूरे भारत मे अलग – अलग जगह अलग-अलग रूप मे रामायण की कथा को बताया गया है। वैसे कुछ रामायण के दूसरे भागो के अनुसार, बंदरो ने रावण की पत्नी ‘मंदोदरी’ के साथ दुर्व्यवहार किया था। लेकिन रावण ने अपनी पत्नी को फिर भी, बिना किसी “अग्निपरीक्षा” के स्वीकार कर लिया था।
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11. भारत और श्रीलंका मे कुछ जगह ऐसी है जहां रावण को जलाया नही जाता बल्कि उसकी पुजा की जाती है।
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